किसान आंदोलन के समर्थन में पटना में किसान महासभा और वामदलों से जुड़े 10 हजार कार्यकर्ता मार्च निकाल रहे थे। गांधी मैदान से राजभवन की ओर निकले कार्यकर्ताओं को पुलिस ने डाकबंगला चौराहे पर रोक दिया। यहां से राजभवन की दूरी करीब 4 किमी है। प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़ राजभवन की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने समझाया, लेकिन नहीं माने। ऐसे में उनकी पुलिस से धक्कामुक्की हो गई और पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
किसान महासभा ने कहा- सरकार विरोध दबाना चाहती है
प्रदर्शनकारी डाकबंगला चौराहे पर ही धरने पर बैठ गए और राजभवन जाने की जिद पर अड़ गए। बाद में करीब 2.45 बजे वहां से हटे। उधर, अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार प्रदेश सचिव रामाधार सिंह ने कहा कि सरकार विरोध-प्रदर्शन को खत्म करना चाहती है। राजभवन मार्च नहीं करने देना किसानों पर अन्याय है। हम लोग राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन देना चाहते हैं।

10 नंबर गेट से मार्च निकालना था, प्रशासन ने वहां ताला लगाया
अखिल भारतीय किसान महासभा ने पहले कहा था कि मार्च गांधी मैदान के 10 नंबर गेट से निकाला जाएगा, लेकिन 10 नंबर गेट पर प्रशासन ने ताला लगा दिया। प्रशासन का कहना है कि भीड़ बढ़ने से लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी। इस बात से गुस्साए लोग 6 नंबर गेट पर छोटे गेट का ताला तोड़ कर डाक बंगले की तरफ बढ़ गए।

नए कृषि कानून रद्द करने की मांग
प्रदर्शनकारी नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में वे मार्च निकालना चाहते थे। हंगामे की वजह से डाकबंगला चौराहे और आस-पास के इलाकों में जाम लग गया। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई।

बाकी जिलों से भी किसान पटना पहुंचे
अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार प्रदेश सचिव रामाधार सिंह ने सोमवार को कहा था, “राजभवन मार्च में बटाईदार किसानों का भी बड़ा हिस्सा शामिल रहेगा। पूर्णिया, अररिया, सीमांचल के अन्य जिलों, चंपारण, सीवान, गोपालगंज सहित कई जिलों के किसान इसके लिए सोमवार को ही पटना रवाना हो गए। भगत सिंह का पंजाब और स्वामी सहजानंद की किसान आंदोलन की धरती बिहार में किसानों की एकता कायम होने लगी है, इससे भाजपाई बेहद डरे हुए हैं।”
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