केरल विधानसभा में गुरुवार को तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हो गया। सभी 140 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की। खास बात यह है कि विधानसभा में इस प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में भाजपा के इकलौते विधायक ओ राजगोपाल भी शामिल थे। हालांकि बाद में वे अपनी बात से पलट गए।
पहले भाजपा विधायक बोले- कानून वापस हो
राजगोपाल ने वोटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ”मैंने प्रस्ताव का समर्थन किया है। केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। मैं सदन की आम राय से सहमत हूं। जब राजगोपाल से पूछा गया कि वह अपनी पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं? तो उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली है और हमें सर्वसम्मति के मुताबिक चलने की जरूरत है।
फिर मारी पलटी, कहा- सदन में विरोध किया
कुछ घंटों बाद बयान बदलते हुए राजगोपाल ने कहा कि उन्होंने सदन में प्रस्ताव का मजबूती से विरोध किया। राजगोपाल बोले, ”सदन में मैंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। मैंने न तो केंद्रीय कानूनों का विरोध किया और न ही केंद्र सरकार के खिलाफ गया। इन कानूनों से किसानों को बहुत फायदा होगा।”
मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव रखा, कहा- ये काला कानून
केरल विधानसभा के विशेष सत्र में गुरुवार को मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ये काला कानून है। इससे किसानों को बहुत नुकसान होगा। सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF), विपक्ष में कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) और भाजपा के समर्थन से यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें